यतीमख़ाना के स्कूल   (Schools Of Orphanage)

मुस्लिम लड़कियों का यतीमख़ाना गया में मुन्दरजा ज़ेल स्कूल क़ायम हैं जिनके तहत नर्सरी से लेकर ग्यारवहीं जमाअत तक की तालीम का बन्दो बस्त है।


  1. नर्सरी स्कूल (Nursery School) : हज़रत आएशा सिद्दीक़ा, उर्दू नर्सरी स्कूल (Hazrat Aisha Siddiqua Urdu Nursery School) दर्जा नर्सरी (अतफाल) अतफाल अव्वल,व अतफाल दोम, (Nursery, K-G-I & K-G-II) 3 साल।
  2. मिडिल स्कूल (Middle School) : हज़रत फातिमा तुज़ ज़हरा उर्दू गर्ल्स मिडिल स्कूल (Hazrat Fatima-tuz-Zahra Urdu Girls’ Middle School) दर्जा अव्वल ता हश्तुम (Class I to VIII) जुनियर सेकेण्डरी स्कूल-8 साल।
  3. उर्दू हाई स्कूल (High School) : जी0 एम0 जी0 ओ0 उर्दू हाई स्कूल (Gaya Muslim Girls’ Orphanage Urdu High School ) (सिनियर सेकेण्डरी हाई स्कूल) दर्जा नहुम ता दहुम (Class IX and X)-2 साल।
  4. हिफ़्ज़ कुरान (Hifz Qur’an) : शोबा-ए-हिफ़्ज़-ओ-तजवीद हिफ़्ज़ कुरान (Qur’an Memorization) हिफ्ज़ के साथ - साथ मैट्रिक (Matric) - 6 साल।
    नोट हाफ़िज़ा बनाने के साथ साथ मैट्रिक पास करने में भी 6 साल का वक़्त लगता है।
  5. तालीम -ए- बालिग़ान : शोबा-ए-तालीम-ए-बालिग़ान (Department of Adult Education) -3 साल।
  6. वोकेशनल सेन्टर : हज़रत ख़दीज़ा -तुल- कुबरा वोकेशनल सेन्टर (Hazrat Khadija-tul-Kubra Vocational Centre) (कटाई व सिलाई और ज़री वर्कस, मेंहदी और पेंटिग्स वग़ैरह की तरबियत) एक साल/डेठ़ माह/ 1 माह /3 माह वगै़रह।

7. हज़रत फातिमा-तुज़-ज़हरा उर्दू गर्ल्स्र मिडिल स्कूल
(जूनियर सेकेण्डरी स्कूल) (Junior Secondary School)

हज़रत फातिमा -तुज़- ज़हरा उर्दू गर्ल्स मिडिल स्कूल :- में दर्जा अव्वल से दर्जा हश्तुम (Class I to VIII) तक तालीम दी जाती है। हज़रत फातिमा तुज़ ज़हरा उर्दू गर्ल्स मिडिल स्कूल के असातज़ा' तालिबात और दीगर स्टाफ ने मिलकर एक सेहतमंद तालीमी माहौल बनाया है जिस में हर तालिबात के जिस्मानी और ज़हनी सलाहियतों को मुकम्मल तोर से फरोग दिया जाता है। स्कूल और इसके हॉस्टल पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि यह सिर्फ घर का मुतबादिल नहीं है बल्कि इस से एक क़दम आगे है। यहाँ तालिबात का वक़्त तालीम-ओ-तदरीस के अलावा मुख़तलिफ क़िस्म के खुश्गवार और कारामद मशगलों में इस्तेमाल किया जाता है जिस का नतीजा है कि मुख़तलिफ सलाहियतों खूबियौं और समझ जो कि एक आजाद महिज़्ज़ब और जमहूरी समाज के लिए लाज़मी हैं की तरक़्क़ी हो रही है।

हज़रत फातिमा -तुज-ज़हरा उर्दू गर्ल्स मिडिल स्कूल : का निसाब सीखने और सिखाने पर मरकूज है। रोज- मर्रा की कार कर्दगी और सबक तालिबात के फायदे को दिमाग में रखते हुए तशकील दिया जाता है तमाम कोशिशें इस बात को ज़हन में रख कर की जाती हैं कि अमली काम तालिबात के तालीमी तरबीयत के साथ साथ जिस्मानी तारबीयत की राह हमवार करती है। मसलन पी0 टी0 (P.T.) और ड्रिल (Drill) जिस्मानी वरजिश वग़ैरह।
निज़ाम-ए-तालीम क़ायदे और उसूल इस तरह अपनाये गये हैं कि क्लास के बाहर और अन्दर तालिबात खुद से ही असातज़ा की निगरानी में दी जाने वाली सलाहियत और मालूमात को हासिल कर सकें।

8. जी 0 एम0 जी0 ओ0 उर्दू हाई स्कूल
(गया मुस्लिम गर्ल्स औरफेनेज उर्दू हाई स्कूल)
(Gaya Muslim Girls’ Orphanage Urdu High School)

सिनियर सेकेण्डरी स्कूल (Senior Secondary School ) (दर्जा नहुम ता दहुम (Class IX to X ) तक की तालीम मअ साइंस प्रेक्टिकल (Science Practical) के दी जाती है

सिनियर सेकेण्डरी स्कूल
(Senior Secondary School)

इंडियन एजूकेशन ऐडवाइजरी बोर्ड और कमीशन ने यकसाँ सतही 10+2+3 निजामे तालीम की तजवीज रखी है। हर सतह के लिए नए निसाब की तशकील की गई है। 01 अप्रैल 2008 ई0 से जी0एम0जी0ओ0 उर्दू हाई स्कूल सिनियर सेकेण्डरी हाई स्कूल में उसी तर्ज पर तालीम दी जा रही है। इस स्कीम के तहत दो बिल्कुल मुख़तलिफ सतह तशकील दिए गए हैं। एक दस (10वीं ) दर्जा तक है और दूसरा बारहवीं (XII) तक है। ये दोनो सतह स्कूल तालीम के तहत माने जाते हैं।

तालीमी कमीशन ने इस बात की सख्ती से सिफ़ारिश की है कि मजूज़ा आम तालीमी निसाब सिर्फ दसवीं क्लास 10 तक बेग़ैर अख़्तियारी मज़मून के नाफ़िज़ किया जाए ताकि बच्चों का चौतरफा इरतक़ा हो सके। कमीशन का नज़िरया है कि स्कूल के दसवीं (X) कलास के इखतताम तक बच्चों की दिलचस्पी और सलाहियतों को उसी मेयार पर परखा जा सके। कमीशन ने दर्जा ग्यारहवीं (XI) और बारहवीं (XII) में अख्तियारी मज़मून पढाने की सिफ़ारिश की है। दर्जा नहुम (IX) ता दर्जा दहुम (X) के इस निसाब के तहत एक आम तालीमी निसाब की तजवीज रखी गई है जिस में अमली तजुरबा,सेहत जिस्मानी तालीम और इस्लामियात का इंतजाम किया जाना चाहिए।       (माखूज़)

नोट (01) यहाँ से मैट्रिक (Matric) पास करने वाली तालिबात को कॉलेज और अरबी यूनिवर्सिटी,जैसे जामिया तुस सालेहात रामपुर (यू0 पी0) जामिया तुल फलाह, आजमगढ़ (यू0पी,), और आलिमियत के दूसरे साल में बा आसानी दाखिला मिल जाता है।
(02) यहाँ इस्लामी नहज पर तालीम दी जाती है।

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