मुस्लिम लड़कियों का यतीमख़ना गया (लड़कियो के लिए जदीद मुकम्मल और इस्लामी तर्ज़-ए-तालीम से मुज़य्यन क़ौमी सतह का मेयारी रहाइशी (RESIDENTIAL) तालीमी व तरबियती अदारह है)। जनाब इनायत खाँ रह0 बानी-ए-यतीमखाना इस्लामिया गया के अज़ीम ख्वाब को उन के पोते जनाब इकबाल अहमद खाँ ने 21 दिसम्बर 1986 ई0को हक़ीक़त में बदल दिया।
आज यतीमखाने में 22 शोबे हैं। पाँच 5 अहम स्कूल और दो 2 वोकशनल ट्रेनिंग सेन्टर भी क़ायम हैं। जो मुन्दरजा ज़ेल हैं।
गया शहर बोध गया में कायम महात्मा बुद्ध की मन्दिर की वजह कर पुरी दुनिया में जाना और पहचाना जाता है। गया शहर एक बहुत ही प्राचीन व मशहूर शहर है। मुस्लिम लड़कियों का यतीमखाना गया कोलौना मुस्लिम आबादी के बीच पहाड़ी के दामन में एक पुर फिज़ा मुक़ाम पर जनाब इनायत खाँ बानी-ए-यतीमखाना इस्लमिया गया चेरकी के आबाई गाँव कोलौेना मे वाकेअ़ है। यतीमखाना इस्लमिया गया चेरकी शहर गया से तकरीबन 18किलोमीटर (11मील) के फासले पर गया और शेरघाटी के दरमियान लबे सड़क पूरब जानिब वाकेअ है।
गया शहर भारत का सब से गर्म स्थान है। जलवायू गर्म और शुष्क है। गर्मी के मौसम में यह अत्यधिक गर्म और जाडे़ के मैासम में अत्यघिक सर्दी पड़ती है। चेरकी से कोलौेना गाँव 2 किलोमीटर के फासले पर है। चेरकी मशरिकी हिन्द (EASTERN INDIA) का एक मशहूर व मारूफ मुक़ाम है। जहाँ एक छोटी सी जगह चेरकी में मिल्लत के फायदे के लिए कई बड़े-बड़े अदारे चल रहें है। मुकाम चेरकी यतीमखाना इस्लमिया गया की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है। जहाँ हर वक्त ऑटो, रिक्शा (Auto Rickshaw) बस (Bus) और दीगर सवारियों से आमद-ओ-रफ्त का सिलसिला जारी रहता है। यहाँ जरूरत की सारी चीजें बा आसानी दस्तयाब हैं। चेरकी से कोलौना 2 किलोमीटर ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw) से बा आसानी पहुचाँ जा सकता है।
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नोट : अदारह अब तक यतीमों की झाेंपड़ी था मगर अब अल्लाह के मुखलिस साहबे खैर और बा तौफीक बन्दाें की मदद से महल बनने की भरपूर जद्दो जहद कर रहा है।