निदाए यतीम (यतीम बच्चियों की आवाज़)
(Voice of Orphan Girls )
आप मुस्लिम लड़कियों का यतीमख़ाना गया का सहयोग किस तरह करें ?
( How to co-operate with the Gaya Muslim Girls’ Orphanage?)
अहले ख़ैर और अहले सरवत हज़रात से मुस्लिम लड़कियों का यतीमख़ाना गया (यतीम बच्चियों की पनाह गाह) को मुन्दरजा जे़ल तरीकाें से मदद करने की गुज़ारिश की जाती है।
- कफाला स्कीम (Sponsorship):- एक यतीम बच्ची के सालाना अख़राजात की ज़िम्मेदारी लेकर मुबलिग़ पच्चीस हज़ार रूपये (25’000) सिर्फ
- सदक़ा जारिया : अपने या अपने आबा व अजदाद के नाम पर सदक़ा जारिया के लिए कमरा या हॉल की तामीर करवा कर,, तक़रीबन दो लाख पचास हज़ार (2’50.000) रूपये सिर्फ।
- सालाना ख़र्च की ज़िम्मेदारी : हर गाँव के लोग एक यतीम बच्ची के सालाना ख़र्च की ज़िम्मेदारी अपने ज़िम्मे लेकर मुबलिग पच्चीस हजार (25’000) रूपये सिर्फ।
- ◉ ज़कात वगैरह और बैंक के सूद की रकम :- ◉ ज़कात (Zakath) ◉ अतियात (Donation) ◉ सदक़ात (Sadquat) ◉ ख़ैरात (Khairat) - ◉ तामीरात (Construction) के लिए (छड़ / सिमेंट) ईंट / बालू वगैरह ) : ◉ चर्म कुरबानी या उसकी रक़म ◉ उश्र (पैदावार की ज़क़ात) - ◉ वक़्फ ज़मीन - बैंक (Bank) की सूद (Interest) की रक़म, जो मुसलमानों के लिए हराम हैं। वह दारूल यतामा फंड में दें।
- किताबें दे कर : इस्लामी और असरी किताबें दे कर, अख़बारात, और मैगज़ीन, और रिसाले (हफ्तावार, पन्द्रह रोज़ह, माहनामा, सेमाही, शशमाही "वग़ैरह जारी करा कर)।
- फर्नीचर बनवाकर : दर्जा अतफाल से दर्जा दसवीं (Class-I to X) तक के लिए फर्नीचर बनवाकर एक दर्जा के फर्नीचर के लिए तक़रीबन,चालीस हजार (40,000) रूपये सिर्फ।
- तनख़ाह दे कर : एक या एक से ज़्यादा असातज़ह की एक माह की तनख़्वाह दे कर एक माह की तानख़्वाह दस हज़ार (10,000/-) रूपये
- मुस्लिम लड़कियों का यतीमख़ाना गया का तआरूफ ऐसे अश्ख़ास से करवा कर जो इस के लिए दायमी आमदनी का इंतजाम करा सकें।
- स्टाफ का खर्च उठाकर : तमाम तदरीसी और गैर तदरीसी स्टाफ की एक महीने की तनख़्वाह का इंतज़ाम करवा कर,,, तक़रीबन एक लाख पचहत्तर हजार (1,75,000/-) रूपये।
- कम्प्युटर सेट देकर : एक या दो कम्प्यूटर (Computer) सेट देकर - चालीस हज़ार (40,000) रूपये फ़ी कम्प्यूटर।
- तामीर करा कर : एक कमरा या हॉल पूरा,, या उसका कुछ हिस्सा तामीर करवा कर या तामीरी कामों के लिए ईटें, सिमेंट छड़ और दीगर सामान या उस की क़ीमत दे कर।
- नक़ाब (Veil) दे कर :- नक़ाब अबा और हिजाब : नक़ाब अबा और हिजाब (60 बच्चियों के लिए देकर अबा गहरे हरे रंग का और सफे़द स्कार्फ) तक़रीबन अस्सी हजार (80,000) रूपये
- मौसम सरमा के गर्म कपडे़ : (90) यतीम बच्चियों के लिये मौसम सरमा के गर्म कपडे़ (गहरे सब्ज रंग का स्वेटर, काले रंग का अबा वगैरह) तक़रीबन एक लाख (100,000) रूपये।
- महीने के खुराक का नज़्म करा कर : (90) यतीम बच्चियों के लिये एक महीने के खुराक का नज़्म करा कर मसलन गन्दुम चावल चना दाल कड़वा तेल ((Mustard Oil) वगैरह एक लाख (100,000) रूपये।
- बच्चियों के लिये एक एक स्कूल यूनिफार्म देकर : 90 यतीम बच्चियों के लिये एक एक स्कूल यूनिफ़ार्म, कथई (Maroon) मैरून रगं जम्पर, सफ़ेद शलवार, और सफ़ेद दुपट्टा का इंतज़ाम करा कर,पचहत्त्र हज़ार (75,000) रूपये।
- लिबास और चप्पल दिलवाकर : (90)यतीम बच्चियों के लिये एक एक आम लिबास और चप्प्ल दिलवाकर रोज़ाना इस्तेमाल के लिए एक लाख (100,000) रूपये।
- सिलाई मशीन और दूसरी मशीन दिलवाकर : ◉ सिलाई मशीन ◉ स्वेटर बुनने की मशीन ◉ कढ़ाई की मशीन ◉ बिजली का पंखा ◉ स्टील की अलमारी ◉ इनवर्टर (Invertor) ◉ स्टील का बड़ा बक्सा ◉ बड़ा जेनरेटर बिना आवाज वाला
(Soundless) ◉ स्टेबिलाईजर (Stabilizer) /- ◉ वायरिंग के लिए तार ◉ बोर्ड चौक-मर्करी वगै़रह दे कर।
- स्कूल बस (गाड़ी) दे कर : बाहरी बच्चियों को लाने व ले जाने के लिए स्कूल बस(School Bus) देकर।
- खुसूसी तवज्जा देकर : मुस्लिम लड़कियाें का यतीमख़ाना गया के ज़रिये किए जा रहे किसी एक प्लान पर खुसूसी तवज्जा देकर ताकि प्लान मुकम्मल हो सके।
- मशविरों से नवाज़ कर : तालीम ओर नज़्म ओ नस्क़ से मुतल्लिक गिराँ कद्र मशविरों से नवाज़ कर, अैर ज़मीन की खरीदारी और क़र्ज की अदायगी में तआवुन दें कर।
याद रखें 1. बैंक (Bank) के सूद (Interest) की वह रक़म जो मुसलमानों के लिए हराम है। उस रक़म को गरीब यतीम लड़कियों की नाख़्वान्दगी दूर करने के लिए और तालीम को फै़लाने के
लिए लड़कियों (Girls) के दारूल यतामा फंड में दें और दिलाएँ।
2. लॉक डाउन की वजह कर बच्चियों की तादाद कम हो गयी है।